केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को गया में बिहार आर्थिक परिषद के 22वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों, विद्वानों और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया। गडकरी ने बिहार में छह प्रमुख सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने अपने संबोधन में बिहार की सड़कों को अगले चार साल में अमेरिका के स्तर पर लाने का वादा किया।
जात-पात की राजनीति से दूर रहें: गडकरी का सख्त संदेश
कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने जात-पात की राजनीति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि बिहार में जात के बिना कोई काम नहीं होता। जो जात की बात करेगा, मैं उसे ठोकूंगा। आदमी जात से नहीं, बल्कि अपने गुणों से बड़ा होता है।” गडकरी ने उदाहरण देकर समझाया कि रेस्टोरेंट में खाना खाते समय या डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाते समय कोई जात नहीं पूछता। उन्होंने समाज को जाति आधारित राजनीति से ऊपर उठने की सलाह दी।
विकास का मंत्र: पैसे की नहीं, ईमानदारी की कमी है
गडकरी ने कहा, “इस देश में पैसे की कोई कमी नहीं है, कमी है तो ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करने वालों की।” उन्होंने कहा कि वह दो-तीन हजार करोड़ रुपये से कम के प्रोजेक्ट्स में शामिल नहीं होते। गडकरी ने दावा किया कि वह बिहार की सड़कों को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएंगे। उन्होंने बुद्ध की धरती पर खड़े होकर देश के लिए प्रतिबद्धता और पारदर्शिता को सफलता का मूलमंत्र बताया।
अमेरिकी नीतियां नहीं, भारत के लिए उपयुक्त नीतियां जरूरी
गडकरी ने कहा कि बिहार की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य की नीतियां बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “अमेरिका की किताब में जो लिखा है, उसे यहां लागू करना सही नहीं है। हम भारत हैं और अपनी ज़रूरतों के अनुसार नीतियां बनानी चाहिए।”
बिहार के विकास की ओर बड़ा कदम: छह सड़क परियोजनाओं की शुरुआत
गडकरी ने गया में छह सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों की गुणवत्ता में सुधार करना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि ये परियोजनाएं राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाएंगी