संसद में गुरुवार को अदाणी समूह से जुड़े विवाद पर फिर से गर्मा-गर्मी देखने को मिली। पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद सौगत राय ने आरोप लगाया कि 5,260 करोड़ रुपये की लागत से बने छह एयरपोर्ट्स को निजी कंपनियों को सौंपा गया है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या ये एयरपोर्ट्स अदाणी समूह को दिए गए हैं?” इस सवाल पर सिविल एविएशन मिनिस्टर किंजरापु राममोहन नायडू ने सीधे जवाब दिया, “हां, इन हवाई अड्डों का बुनियादी ढांचा अदाणी को सौंपा गया है, और ये पहले ही एयरपोर्ट अथॉरिटी को वापस कर दिए गए हैं।”
क्या नीति आयोग की सिफारिशों का उल्लंघन हुआ?
सौगत राय ने केंद्रीय सरकार पर आरोप लगाया कि वह नीति आयोग की सिफारिशों का पालन नहीं कर रही है, जिसमें कहा गया था कि एक ही कंपनी को दो से अधिक एयरपोर्ट नहीं दिए जाने चाहिए। राय ने दावा किया, “अब अदाणी के पास कुल आठ एयरपोर्ट्स हो गए हैं।” इस आरोप का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, “मैंने सवाल का सीधा और स्पष्ट जवाब दिया है।”
पट्टे पर एयरपोर्ट्स देने की प्रक्रिया पारदर्शी
मंत्री ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब एयरपोर्ट्स को पट्टे पर दिया जाता है, तो इसके लिए एक विस्तृत और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है। उन्होंने कहा, “एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरी का गठन किया गया था और नीति आयोग के सीईओ इस ग्रुप का नेतृत्व कर रहे थे।” नायडू ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा, “बोली पूरी तरह से पारदर्शी थी और जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे झूठे हैं।”
यह मामला संसद में चर्चा का विषय बन गया है और विपक्षी दलों ने इसे गंभीर आरोपों के रूप में पेश किया है। वहीं, सरकार ने आरोपों का जोरदार खंडन किया है और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए अपना पक्ष रखा है।