पुष्पांजलि प्रोजेक्ट को मिलेगा नया बिल्डर, खरीदारों को एनसीएलटी से बड़ी राहत
"खुद बायर्स ने भी पेश किया निर्माण पूरा करने का प्रस्ताव, सात बिल्डर्स के प्लान को मिली मंजूरी"

देहरादून। नोएडा के आम्रपाली प्रोजेक्ट की तर्ज पर अब पुष्पांजलि इन्फ्राटेक की अधूरी परियोजना ‘आर्किड पार्क’ को नया बिल्डर सौंपने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कदम से 91 परेशान खरीदारों को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने अधूरी परियोजना को पूरा करने के लिए बिल्डर्स से प्रस्ताव मांगे थे, जिनमें से 18 बिल्डर्स ने आवेदन किया और सात के प्लान को मंजूरी दी गई है।
इनमें एक प्रस्ताव खुद आर्किड पार्क वेलफेयर सोसाइटी की ओर से परियोजना के खरीदारों ने दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर निर्माण कार्य खुद संभाला जा सके। अब सात बिल्डर्स में से किसी एक का चयन कर उसे प्रोजेक्ट सौंपा जाएगा।
पुष्पांजलि ग्रुप की इस परियोजना में खरीदारों के करीब 45 करोड़ रुपये फंसे हैं। लंबे समय तक रेरा व अन्य संस्थाओं से राहत नहीं मिलने पर मई 2024 में खरीदारों ने एनसीएलटी का रुख किया। इसके बाद ट्रिब्यूनल ने पुष्पांजलि इन्फ्राटेक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भंग कर सभी अधिकार अपने हाथ में ले लिए।
91 में से 71 खरीदारों ने दायर किया वाद
एनसीएलटी में 71 खरीदारों ने वाद दाखिल किया है। उनका कहना है कि कंपनी को दिवालिया घोषित कर उनकी रकम वापस दिलाई जाए।
फरार निदेशक का हस्तक्षेप का प्रयास
खरीदारों का आरोप है कि कंपनी के फरार निदेशक दीपक मित्तल अपने लोगों के जरिए उन बिल्डर्स को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं जो परियोजना को पूरा करना चाहते हैं। इसी वजह से खरीदारों की सोसाइटी ने भी खुद प्रस्ताव दाखिल किया है।
रेरा सदस्य की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड रेरा के सदस्य नरेश सी. मठपाल ने कहा कि एनसीएलटी रेसोल्यूशन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है और जल्द खरीदारों को राहत मिलने की उम्मीद है।
अब जल्द ही मिल सकता है न्याय
आर्किड पार्क वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष कविता भाटिया ने कहा कि अब खरीदारों में नई उम्मीद जगी है और जल्द 91 परिवारों को इंसाफ मिल सकता है।