मुंबई। मुंबई की अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंसिंग के एक मामले में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है। यह फैसला उनकी आगामी फिल्म “सिंडिकेट” की घोषणा से ठीक एक दिन पहले आया है। मामले की सुनवाई पिछले सात वर्षों से चल रही थी, और अंततः कोर्ट ने मंगलवार को यह निर्णय सुनाया।
क्या है पूरा मामला?
राम गोपाल वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने एक व्यापारी से लिए गए ऋण की अदायगी के लिए चेक जारी किया था, लेकिन वह चेक बाउंस हो गया। इसके बाद व्यापारी ने वर्मा के खिलाफ नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू की थी। इस मामले में कोर्ट ने कई बार वर्मा को नोटिस भेजा, लेकिन वह लगातार पेशी से अनुपस्थित रहे।
अदालत का फैसला
मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने वर्मा को दोषी ठहराते हुए तीन महीने की जेल की सजा सुनाई और साथ ही उन्हें चेक की मूल राशि के साथ-साथ जुर्माना भरने का भी आदेश दिया। हालांकि, वर्मा इस सुनवाई में मौजूद नहीं थे। अदालत ने उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने पर भी विचार किया।
फैसले पर वर्मा की प्रतिक्रिया
राम गोपाल वर्मा ने अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, वह इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं।
विवादों में रहते आए हैं वर्मा
राम गोपाल वर्मा अपने विवादास्पद बयानों और फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले भी वह कई कानूनी मामलों का सामना कर चुके हैं, लेकिन यह मामला उनके लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर तब जब वह अपनी नई फिल्म “सिंडिकेट” की घोषणा करने वाले थे।
आगे क्या होगा?
अगर राम गोपाल वर्मा सजा के खिलाफ अपील नहीं करते हैं, तो उन्हें जल्द ही जेल जाना पड़ सकता है। हालांकि, कानूनी जानकारों का मानना है कि उन्हें जमानत मिल सकती है, बशर्ते वे अदालत के निर्देशों का पालन करें।
इस खबर पर फिल्म इंडस्ट्री की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि राम गोपाल वर्मा का नाम बॉलीवुड में एक बड़े निर्देशक के रूप में जाना जाता है।