रतन टाटा, महान उद्योगपति और परोपकारी, 86 वर्ष की आयु में हुए निधन
"भारत ने खो दिया अपना एक महान व्यक्तित्व: श्री रतन टाटा का निधन, प्रेरणादायक विरासत छोड़ गए"
नई दिल्ली: के सबसे प्रतिष्ठित और प्रेरणादायक व्यक्तित्वों में से एक, श्री रतन टाटा का हाल ही में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। उनके जाने से एक ऐसा शून्य उत्पन्न हुआ है जिसे भरना असंभव है, लेकिन उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
28 दिसंबर, 1937 को जन्मे रतन टाटा ने 1991 में टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली और इसे वैश्विक पहचान दिलाई। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने इस्पात, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता वस्तुओं सहित कई क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज की। उनके दूरदर्शी नेतृत्व का सबसे बड़ा उदाहरण “टाटा नैनो” की शुरुआत थी, जिसे दुनिया की सबसे किफायती कार कहा गया। यह उनकी उस सोच को दर्शाता है जिसमें उन्होंने आम आदमी के लिए गुणवत्तापूर्ण परिवहन को सुलभ बनाने का सपना देखा था।
अपने व्यावसायिक योगदानों से परे, रतन टाटा परोपकार और सामाजिक सेवा के लिए भी जाने जाते थे। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया। वे कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के प्रबल समर्थक थे और अक्सर कहा करते थे, “अच्छी कंपनी बनना काफी नहीं है, आपको एक अच्छा नागरिक भी बनना होगा।”
उद्योग जगत के साथी और उनके सहयोगी उन्हें एक महान संरक्षक और उदार हृदय वाले व्यक्ति के रूप में याद कर रहे हैं, जिन्होंने हमेशा दूसरों की भलाई के बारे में सोचा। उनकी विनम्रता और ईमानदारी ने कॉर्पोरेट दुनिया में एक नई मानक स्थापित की, जिसने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उन्हें सम्मान दिलाया।
दुनिया भर से श्रद्धांजलियां आ रही हैं, और लोग रतन टाटा के असाधारण सफर और उनके द्वारा अपनाए गए मूल्यों को याद कर रहे हैं। युवा उद्यमियों से लेकर अनुभवी उद्योगपतियों तक, हर कोई उनके प्रभाव को महसूस करता है। उनकी सोच, जिसमें प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और नवाचार को बढ़ावा देना शामिल था, उद्योग में हमेशा प्रतिध्वनित होती रहेगी।
रतन टाटा के निधन से एक युग का अंत हो गया, लेकिन उनकी विरासत उनके द्वारा छुए गए अनगिनत जीवनों और उनके द्वारा शुरू की गई अनेक पहलों के माध्यम से जीवित रहेगी। भारत और दुनिया ने एक सच्चा रत्न खो दिया है। समाज में उनके अद्वितीय योगदानों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। आपकी छवि और योगदान कभी भुलाए नहीं जा सकेंगे।