रक्सौल-बीरगंज कस्टम गेट अब सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक रहेगा खुला, भारत-नेपाल कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
"वीरगंज कस्टम कार्यालय का समय बढ़ा, भारत-नेपाल व्यापारिक और यात्री सेवाओं को मिलेगी गति"
वीरगंज, नेपाल: भारत-नेपाल सीमा पर स्थित वीरगंज के कस्टम कार्यालयों ने अपने कामकाज के समय में दो घंटे की वृद्धि की है। अब यह कार्यालय सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक खुले रहेंगे, जो पहले सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक संचालित होते थे। यह निर्णय व्यापार सहजीकरण समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता पर्सा जिले के प्रमुख अधिकारी गणेश अर्याल ने की।
सीमा पर व्यापार और यात्रा को मिलेगी नई रफ्तार: इस फैसले के बाद वीरगंज के पास स्थित सीमा गेट भी सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहेगा। इससे न केवल व्यापारिक गतिविधियां आसान होंगी, बल्कि दोनों देशों के यात्रियों को भी राहत मिलेगी। अधिकारियों का मानना है कि नए समय से व्यापारिक प्रक्रियाओं में तेजी आएगी और नागरिकों को सुविधाजनक सेवाएं मिलेंगी।
वीरगंज कस्टम कार्यालय के प्रमुख प्रशासक दीपक लामिछाने ने कहा, “बढ़ा हुआ समय व्यापारियों और यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। विस्तारित समय में बैंक और अन्य सेवाएं भी चालू रहेंगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।”
वीरगंज उद्योग संघ की भूमिका: इस बदलाव के पीछे वीरगंज उद्योग वाणिज्य संघ का अहम योगदान है। संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “भन्सार समय विस्तार से व्यापारिक गतिविधियां और सुगम होंगी। यह कदम व्यापारियों और स्थानीय निवासियों के लिए लाभदायक होगा।”
भारत-नेपाल सहयोग में मजबूती: वीरगंज के कस्टम समय विस्तार की जानकारी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के माध्यम से भारत सरकार को दी गई है। उम्मीद है कि इससे रक्सौल सीमा पर स्थित कस्टम गेट भी जल्द खुल सकेगा, जिससे रेल यात्रियों और व्यापारियों को सुविधाएं मिलेंगी।
पर्सा के प्रमुख जिला अधिकारी गणेश अर्याल ने कहा कि यह फैसला व्यापार और यात्रा को आसान बनाएगा और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाएगा। बढ़ा हुआ समय सीमा क्षेत्र के यात्रियों और व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीमा क्षेत्र के व्यापारियों और यात्रियों में इस फैसले को लेकर उत्साह है। भारतीय व्यापारियों का मानना है कि यह कदम भारत-नेपाल व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करेगा। साथ ही, कस्टम प्रक्रियाएं अधिक कुशल होंगी और सीमा पार व्यापार को गति मिलेगी। भारत और नेपाल के बीच इस तरह के कदम से न केवल दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे, बल्कि स्थानीय निवासियों और व्यापारिक समुदाय को भी नए अवसर मिलेंगे।