हरिद्वार। गणतंत्र दिवस के अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को सलामी दी। इस मौके पर पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं, संस्थान के कर्मचारी और वरिष्ठ पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान और वंदे मातरम् के गान से हुई, जिसके बाद स्वामी रामदेव ने उपस्थित लोगों को राष्ट्रप्रेम और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली गणतंत्र का सपना तभी साकार हो सकता है जब हम स्वस्थ, शिक्षित और आत्मनिर्भर बनें।
स्वामी रामदेव ने अपने संबोधन में कहा, “गणतंत्र दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि देशभक्ति और आत्मनिर्भरता का संकल्प लेने का दिन है। हमें योग, आयुर्वेद और स्वदेशी उत्पादों के माध्यम से देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना होगा।” उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे भारतीय संस्कृति और परंपरा को आत्मसात करें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने भी अपने विचार व्यक्त किए और पतंजलि के भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पतंजलि आने वाले वर्षों में कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर कार्य करेगा।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं, जिनमें छात्रों ने देशभक्ति गीत, नाटक और योग प्रदर्शन किए। इस अवसर पर पतंजलि के अधिकारियों और कर्मचारियों ने देश के लिए अपनी निष्ठा और समर्पण व्यक्त करते हुए शपथ ली।
समारोह के अंत में स्वामी रामदेव ने उपस्थित सभी लोगों को मिठाई वितरित की और सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं।
पतंजलि योगपीठ में गणतंत्र दिवस 2025 कार्यक्रम की मुख्य बातें:
- तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्रगान का आयोजन
- स्वामी रामदेव का प्रेरणादायक संबोधन
- सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन
- आत्मनिर्भर भारत और स्वदेशी अभियान को समर्थन
- मिठाई वितरण और राष्ट्रप्रेम की शपथ
गणतंत्र दिवस का यह समारोह न केवल पतंजलि संस्थान बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बना, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।