ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना: 11 किमी लंबी सुरंग का काम पूरा, अब जल्द पूरा होगा पहाड़ में ट्रेन का सपना

देहरादून । उत्तराखंड में ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच रेलवे लाइन निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना को अब एक नया मोड़ मिला है। इस परियोजना के तहत 11 किमी लंबी सुरंग का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इस सुरंग के जरिए पहाड़ों के बीच से रेलमार्ग गुजर सकेगा, जिससे पहाड़ी इलाकों में यातायात को नई दिशा मिलेगी।
इस सुरंग के निर्माण से कर्णप्रयाग और ऋषिकेश के बीच यात्रा समय में कमी आएगी और यात्री अब इस मार्ग से 2 से 3 घंटे जल्दी अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे। इसके साथ ही, पहाड़ी क्षेत्र में यात्री ट्रेन सेवा शुरू होने से उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग भी तेजी से विकसित होगा। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन के विकास के साथ-साथ पूरे इलाके में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
भारत सरकार और रेलवे मंत्रालय ने इस परियोजना को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया है। इसे उत्तराखंड के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। परियोजना की कुल लंबाई 125 किमी से अधिक है और इसका पूरा होने से इस क्षेत्र में रेल सेवा का बड़ा विस्तार होगा।
रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि अब रेल मार्ग का अंतिम चरण शुरू किया जाएगा, जिसमें ट्रैक बिछाने का काम और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा किया जाएगा। इस परियोजना का पूरा होना स्थानीय लोगों के लिए एक सपना सच होने जैसा है, जो अब सुलभ और सुरक्षित परिवहन का लाभ उठा सकेंगे।
सुरंग का महत्व:
11 किमी लंबी सुरंग इस परियोजना की प्रमुख विशेषताओं में से एक है। पहाड़ी इलाके और प्राकृतिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए इस सुरंग का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। सुरंग का निर्माण उन्नत तकनीकों के माध्यम से किया गया है, जो न केवल सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगी बल्कि पहाड़ों के बीच तेज़ और निर्बाध रेल यातायात का मार्ग खोलेगी।
यह परियोजना उत्तराखंड के दूर-दराज के इलाकों के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी और इन क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।