भ्रष्टाचार का अड्डा बना ऋषिकेश नगर निगम, राजेंद्र कुमार गर्ग की करतूतें सीसीटीवी में कैद

ऋषिकेश, उत्तराखंड । ऋषिकेश नगर निगम एक बार फिर सवालों के घेरे में है। लेखा लिपिक राजेंद्र कुमार गर्ग पर गंभीर आरोप सामने आए हैं, जो अब जनता के बीच व्यापक आक्रोश का कारण बन रहे हैं। गर्ग, जो पहले ही रिटायर हो चुके हैं, कथित रूप से अभी भी अवैध रूप से निगम कार्यालय में कार्यरत हैं और महत्त्वपूर्ण फाइलों को नष्ट करने, डिमांड ड्राफ्ट फाड़ने जैसे आपराधिक कृत्यों में संलिप्त पाए गए हैं।
सीसीटीवी फुटेज में गर्ग की यह हरकतें स्पष्ट रूप से कैद हुई हैं। वर्ष 2002 में गर्ग पर गबन का केस भी दर्ज हो चुका है, जिसके चलते उन्हें निलंबित किया गया था। इसके बावजूद, उन्हें दोबारा पद पर लाना और वर्तमान में बनाए रखना प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।
प्रेस वार्ता में खुलासा
इस भ्रष्टाचार का खुलासा समाजसेवी हिमांशु दलिप रावत और उनके साथियों द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से किया गया। उन्होंने गर्ग की अवैध गतिविधियों को उजागर करते हुए नगर निगम प्रशासन और मेयर शंभू पासवान पर भी सवाल उठाए। बताया जा रहा है कि गर्ग को मेयर का संरक्षण प्राप्त है, जिससे कार्रवाई में देरी हो रही है।
जनता की मांग और चेतावनी
स्थानीय जनता व समाजिक संगठनों की स्पष्ट मांग है कि राजेंद्र कुमार गर्ग को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की जाए। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है।
ऋषिकेश नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में यह एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
“ऋषिकेश नगर निगम में भ्रष्टाचार की नई कहानी, रिटायर होकर भी पद पर जमे राजेंद्र कुमार गर्ग, फाइलें फाड़ते पकड़े गए कैमरे में। Himanshu Dalip Rawat ने खोली सच्चाई, अब जनता मांगे जवाब – मेयर जवाब दो”