नेपाल के वीरगंज में सनातन हिन्दू समाज द्वारा जम्मू-कश्मीर हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित

काठमांडू । भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों के प्रति नेपाल के आर्थिक राजधानी वीरगंज में सनातन हिन्दू समाज ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बुधवार को वीरगंज के गहवामाई मंदिर परिसर के पार्क में आयोजित एक विशेष श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न हिंदूवादी संघ-संगठनों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने हमले में मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए आतंकवादियों की कड़ी निंदा की।
सनातन हिन्दू समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करना था। ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ के रूप में विश्व प्रसिद्ध पहलगाम में हुए इस हमले में बुटवल के सुदीप न्यौपाने सहित 26 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 12 लोग घायल हुए हैं। घायलों में सुदीप की मां भी शामिल हैं।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय समता पार्टी नेपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय प्रकाश निषाद ने आरोप लगाया कि आतंकवादियों ने हिन्दू धर्म के लोगों को लक्षित कर चुन-चुनकर हत्या की। उन्होंने कहा, “घूमने-फिरने के उद्देश्य से पहलगाम पहुंचे निर्दोष हिन्दू पर्यटकों को इस्लामिक आतंकवादियों ने सिर्फ हिन्दू होने के कारण निशाना बनाकर मारा। यह अत्यंत निंदनीय और अमानवीय कृत्य है।” उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की।
निषाद ने नेपाल के सुदीप न्यौपाने की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनकी घायल मां के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के हमले हिन्दू समुदाय पर हमलों की श्रृंखला को बढ़ावा दे रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। सनातन हिन्दू समाज ने इस हमले को हिन्दू समुदाय पर सुनियोजित हमला करार दिया है। समाज ने इस आतंकी घटना की कड़ी निंदा करते हुए भारत सरकार से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त सुरक्षा प्रबंध करने की मांग की है। साथ ही, समाज ने नेपाल सरकार से भी मृतक नेपाली नागरिक के परिवार को उचित राहत और घायलों के इलाज में सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया है।
वीरगंज के स्थानीय निवासियों और हिन्दू समुदाय के लोगों ने इस हमले को अमानवीय और धर्म पर हमला करार दिया है। श्रद्धांजलि सभा में एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “हम शांति का संदेश लेकर चलने वाले हिन्दू समुदाय पर बार-बार ऐसे हमले हो रहे हैं। इसे रोका जाना चाहिए।” मंगलवार को हुए इस हमले में आतंकवादियों ने पुलिस की वर्दी पहनकर पर्यटकों के नजदीक जाकर गोलियां चलाईं, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया। इस हमले को वर्ष 2019 के पुलवामा हमले के बाद का सबसे घातक हमला माना जा रहा है। पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के छत्र संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।