देहरादून में छात्रों के लिए बढ़ते किराए से बढ़ी मुश्किलें: आवासीय संकट गहराया

देहरादून । छात्रों की मांग है कि सरकार और शैक्षणिक संस्थान मिलकर सस्ती और सुरक्षित आवासीय सुविधाएं प्रदान करें, ताकि उन्हें शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिल सके।
“देहरादून में किराए के बढ़ते बोझ से छात्र परेशान, प्रेमनगर से डुंगा तक किराया आसमान छूने लगा “
देहरादून में बाहर से पढ़ाई के लिए आने वाले छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के प्रेमनगर, डुंगा और कांकरिया जैसे इलाकों में किराए की दरें इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि सामान्य कमरे से लेकर फ्लैट तक, छात्रों की पहुंच से बाहर हो गए हैं।
प्रेमनगर से ऊपर डुंगा तक एक साधारण कमरे का किराया ₹6,000 से ₹1,500 तक है, वहीं कांकरिया जैसे इलाकों में 2 बीएचके फ्लैट का किराया ₹30,000 तक पहुंच चुका है। यह स्थिति खासकर आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जो कम बजट में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं।
किराए में भारी असमानता और मकान मालिकों की मनमानी रवैये के कारण छात्रों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुछ जगहों से यह भी खबरें आई हैं कि किराया समय पर न देने पर मकान मालिकों ने छात्रों के साथ अनुचित व्यवहार किया है। हाल ही में एक घटना में तीन छात्राओं को मकान मालिक ने फ्लैट के अंदर बंधक बना लिया था, जिसे पुलिस हस्तक्षेप के बाद छुड़ाया गया।
सरकार की पहल:
राज्य सरकार ने किराया नियंत्रण के लिए नए नियम लागू करने की योजना बनाई है ताकि मकान मालिकों और किरायेदारों दोनों के हितों की रक्षा हो सके। वहीं, सरकार द्वारा “वीरांगना तीलू रौतेली छात्रावास” जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जहां ₹6,500 में रहने, भोजन, वाई-फाई, जिम और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन ऐसी सुविधाएं बहुत सीमित हैं और हर छात्र तक नहीं पहुंच पा रही हैं।
छात्रों की मांग:
छात्र संगठनों ने मांग की है कि सरकार, विश्वविद्यालय और निजी संस्थाएं मिलकर सस्ते और सुरक्षित हॉस्टलों या आवासीय विकल्पों की व्यवस्था करें, ताकि उन्हें बेफिक्र होकर अपनी पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।