नेपाल के चितवन में भारत–नेपाल आर्थिक साझेदारी शिखर सम्मेलन–2024 का सफल आयोजन
"सम्मेलन में प्रमुख अतिथियों के रूप में भारतीय महावाणिज्य दूत देवी सहाय मीना, चिंतक और सामाजिक कार्यकर्ता महेश कुमार अग्रवाल, पीएचडीसीसीआई सचिव अतुल के. ठाकुर, उद्योग संघ अध्यक्ष सुमन कुमार श्रेष्ठ, तथा अन्य विशेषज्ञों ने भाग लिया।"
नई दिल्ली: आज नेपाल के चितवन में नेपाल–भारत आर्थिक साझेदारी शिखर सम्मेलन–2024 का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन उद्योग वाणिज्य संघ–चितवन के तत्वावधान में, नेपाल–भारत महावाणिज्य दूतावास (वीरगंज) और पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के संयुक्त सहयोग से किया गया।शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारत और नेपाल के बीच आर्थिक साझेदारी को गहरा करना और चितवन को एक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित करना था। इस कार्यक्रम में भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, सीमापार व्यापार, रेमिटेंस, आयात–निर्यात, और भुगतान संतुलन (बीओपी) जैसी चुनौतियों पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भारतीय महावाणिज्य दूत देवी सहाय मीना ने भारत–नेपाल के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत सरकार नेपाल के साथ सीमापार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं चला रही है। उन्होंने बताया कि वीरगंज–रक्सौल, विराटनगर–जोगबनी, भैरहवा–सुनौली, और नेपालगंज–रुपैडिहा के एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जा रहा है।
पीएचडीसीसीआई के सचिव अतुल के. ठाकुर ने नेपाल के समष्टि आर्थिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए भारत–नेपाल आर्थिक सहयोग को और सुदृढ़ करने के लिए नई रणनीतियां और रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने महामारी के बाद के आर्थिक अवसरों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकार और उद्योग जगत के बीच बेहतर तालमेल पर भी बल दिया। उद्योग वाणिज्य संघ–चितवन के अध्यक्ष सुमन कुमार श्रेष्ठ ने चितवन के औद्योगिक विकास की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि नेपाल और भारत के बीच व्यापारिक समुदायों का घनिष्ठ सहयोग बेहद जरूरी है। उन्होंने चितवन को एक स्थायी औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने और भारतीय पर्यटकों को नेपाल लाने के लिए दूतावास से सहयोग की अपील की।
चिंतक और सामाजिक कार्यकर्ता महेश कुमार अग्रवाल, बिहार रक्सौल, बिहार राज्य समन्वयक, सीमा जागरण मंच ने सीमावर्ती क्षेत्रों के आर्थिक विकास और नेपाल–भारत के बीच बेहतर व्यापारिक संपर्क के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों के उन्नति से दोनों देशों के बीच आर्थिक प्रगति के नए आयाम स्थापित होंगे। शिखर सम्मेलन के अन्य वक्ताओं में बीपी कोइराला फाउंडेशन के अतुल कोइराला, टेक्नो–उद्यमी और सरकारी संलग्नता प्रमुख (भारत और दक्षिण एशिया) के उपाध्यक्ष आनंद झा, और बिहार राज्य के अन्य उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
कार्यक्रम में उद्योग वाणिज्य संघ चितवन, नवलपुर, गैडाकोट, मध्यविंदु, देवचुली, रत्ननगर, खैरहनी, राप्ती उद्योग वाणिज्य संघ के प्रतिनिधियों के अलावा पूर्व अध्यक्ष, पदाधिकारी, और विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रमुखों ने भाग लिया। इस शिखर सम्मेलन ने सीमापार व्यापार, बुनियादी ढांचे के विकास, और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए। इसके अलावा, क्लस्टर आधारित आर्थिक क्षेत्र बनाने और नेपाल के सीमावर्ती जिलों के विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई।
नेपाल–भारत आर्थिक साझेदारी शिखर सम्मेलन–2024 ने दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नई गति दी है। यह सम्मेलन न केवल व्यापारिक समुदायों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा बल्कि नेपाल–भारत की साझा आर्थिक प्रगति को भी मजबूत करेगा।