Uttarakhand: कैबिनेट बैठक आज योग नीति पर लग सकती है मुहर सहकारी समितियों की नियमावली का आ सकता है प्रस्ताव
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज देहरादून स्थित सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और निर्णय लिए गए।
योग नीति पर निर्णय: राज्य में योग को बढ़ावा देने और इसे संस्थागत रूप देने के उद्देश्य से नई योग नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत योग शिक्षा के प्रसार, योग प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, और योग से संबंधित पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
सहकारी समितियों की नियमावली: सहकारी समितियों के संचालन को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए नई नियमावली प्रस्तुत की गई, जिसे मंत्रिमंडल ने स्वीकृति प्रदान की। इससे सहकारी समितियों के कार्यों में सुधार और सदस्यों के हितों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
- मलिन बस्तियों के लिए अध्यादेश: मलिन बस्तियों को अस्थायी राहत देने के लिए अध्यादेश की अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया गया, जिससे वहां के निवासियों को तत्काल राहत मिल सके।
- समान नागरिक संहिता (यूसीसी): यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है, जिसे जल्द ही लागू करने की रणनीति पर चर्चा की गई।
- पुराने बाजारों का पुनर्विकास: राज्य के पुराने बाजारों के पुनर्विकास के लिए नई नीति को मंजूरी दी गई, जिससे व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।
- मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना: एकल महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया, जिससे उन्हें स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।
- तदर्थ और संविदा कर्मचारियों का विनियमन: तदर्थ और संविदा कर्मचारियों के विनियमन के लिए कट-ऑफ डेट निर्धारित करने का निर्णय लिया गया, जिससे उनकी सेवाओं में स्थायित्व आएगा।
- शहीदों के आश्रितों के लिए मुआवजा: शहीदों के आश्रितों को दी जाने वाली धनराशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
- पारिवारिक पेंशन: अविवाहित, विधवा और तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय लिया गया, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिल सके।
- अतिथि शिक्षकों का मानदेय: अतिथि शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि का प्रस्ताव मंजूर किया गया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार: स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल के गठन का निर्णय लिया गया।
- चीनी मिलों के मृतक कर्मियों के आश्रितों को नौकरी: सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के 123 सीजनल मृतक कर्मियों के आश्रितों को नौकरी देने का प्रस्ताव पारित किया गया।
- आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में आयु सीमा में छूट: आयुर्वेद पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयु सीमा में छूट देने का निर्णय लिया गया, जिससे अधिक छात्र लाभान्वित होंगे।
- मेडिकल कॉलेज के पीजी छात्रों के लिए बंधन: राज्य के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में पीजी की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को दो साल तक अन्य राज्यों में नौकरी न करने का बंधन लागू किया गया।
- फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की तैनाती: देहरादून में फॉरेंसिक साइंस एक्सपर्ट की तैनाती का निर्णय लिया गया, जिससे जांच प्रक्रियाओं में तेजी आएगी।
इन निर्णयों से राज्य के विकास, सामाजिक कल्याण, और प्रशासनिक सुधारों में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है।