Uttarakhand: जिंदगी को रोमांच और रफ्तार देने के लिए चुनी ड्राइविंग, 54 से ज्यादा महिलाएं बनीं कैब ड्राइवर

देहरादून । उत्तराखंड में महिलाएं अब ड्राइविंग को न केवल अपने करियर बल्कि आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का जरिया बना रही हैं। राज्य में 54 से अधिक महिलाओं ने कैब ड्राइवर के रूप में अपनी नई पहचान बनाई है।
पहले तक टैक्सी और कैब ड्राइविंग को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब महिलाएं भी इस पेशे में आगे आ रही हैं। ये महिला ड्राइवर न केवल शहरों में बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। सरकार और कई गैर-सरकारी संगठनों द्वारा महिलाओं को ड्राइविंग में प्रशिक्षित करने और उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
महिला कैब ड्राइवरों का कहना है कि इस पेशे ने न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है बल्कि आत्मनिर्भर बनने का आत्मविश्वास भी दिया है। कुछ महिलाओं ने बताया कि ड्राइविंग के जरिए वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं और अपने बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा रही हैं।
राज्य सरकार भी महिलाओं को इस क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं बना रही है। सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा के लिए महिला कैब सर्विस को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस पहल से महिलाओं को रोजगार के नए अवसर मिलने के साथ-साथ समाज में एक नई पहचान भी मिल रही है।