धामी सरकार ने केंद्र से ‘सारा’ के लिए सहारा मांगा जल जीवन मिशन डेडलाइन बढ़ने की उम्मीद
देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार ने जल जीवन मिशन की समय सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से विशेष सहायता की मांग की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगले एक महीने के भीतर उन स्थानों पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए डीपीआर तैयार करें, जहां अभी तक जलापूर्ति नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक महीने के भीतर प्रदेश भर में जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए नलों का सत्यापन करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी घरों को चिन्हित किया जाए, जहां नल लगने के बावजूद पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, और इन स्थानों की जिओ टैगिंग के साथ ही पानी की आपूर्ति न होने के कारणों को स्पष्ट कर शासन को जानकारी भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत बनी पौड़ी जिले की चुनखेत योजना की खराब गुणवत्ता पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और संबंधित अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। साथ ही, पिथौरागढ़ जिले की वासुकीनाग पंपिंग योजना की खराब गुणवत्ता पर उक्त योजना को श्रमदान घोषित कर पुनर्निर्माण के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के तहत होने वाले सभी कार्यों का विशेष रूप से सत्यापन करने और लापरवाही या खराब गुणवत्ता पाए जाने पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य में जनहित के कामों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि बैठक के पहले अधिकारी पूरा होमवर्क करके आएं और विभागाध्यक्ष हर प्रकार के आंकड़े अपने पास रखें। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत अब तक कुल 14.05 लाख परिवारों को जल संयोजन से जोड़ा गया है और प्रदेश में हर घर जल ग्राम प्रमाणीकरण के तहत अब तक कुल 6,795 ग्रामों को प्रमाणित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन की समय सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिव पेयजल को केंद्र सरकार को पत्र लिखने के निर्देश दिए और पेयजल योजनाओं के सोशल ऑडिट में स्थानीय महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही।
इन प्रयासों से राज्य में जल जीवन मिशन की प्रगति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।