उत्तराखंड ने नेशनल गेम्स 2025 के लिए पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचा और स्थल लॉन्च किए
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने नेशनल गेम्स 2025 की तैयारियों के तहत पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे और खेल स्थलों का शुभारंभ किया है। यह पहल राज्य को सतत विकास और हरित खेल आयोजनों की दिशा में आगे बढ़ाने का महत्वपूर्ण कदम है।
पर्यावरण अनुकूल सुविधाएं
नए बुनियादी ढांचे में निम्नलिखित पर्यावरण अनुकूल तकनीकों को शामिल किया गया है:
- सौर ऊर्जा संयंत्र – खेल स्थलों की बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा।
- वर्षा जल संचयन प्रणाली – जल संरक्षण के लिए आधुनिक जल संचयन तकनीकों को अपनाया गया है।
- ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफाइड संरचनाएं – सभी नए निर्माण हरित भवन मानकों के अनुरूप किए गए हैं।
- कचरा प्रबंधन और पुनर्चक्रण प्रणाली – खेलों के दौरान उत्पन्न कचरे के प्रभावी निस्तारण और पुनर्चक्रण पर जोर दिया गया है।
प्रमुख खेल स्थल और सुविधाएं
राज्य सरकार ने देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख शहरों में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ खेल परिसरों का निर्माण किया है। इनमें बहुउद्देश्यीय स्टेडियम, इंडोर स्पोर्ट्स एरिना और एथलेटिक्स ट्रैक शामिल हैं। इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।
सरकारी प्रतिक्रिया और योजनाएं
मुख्यमंत्री ने परियोजना के शुभारंभ के दौरान कहा कि, “उत्तराखंड में नेशनल गेम्स का आयोजन न केवल खेल संस्कृति को बढ़ावा देगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त करेगा। पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे के माध्यम से हम सतत विकास की दिशा में एक मजबूत कदम उठा रहे हैं।”
खेल मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने खेलों की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पर्यावरणविदों और खेल विशेषज्ञों की मदद ली है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि खेल गांवों में पर्यावरण संतुलन का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
स्थानीय समर्थन और संभावनाएं
नेशनल गेम्स 2025 को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है। राज्य में पर्यटन को भी इससे बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों को बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में नेशनल गेम्स 2025 के लिए पर्यावरण अनुकूल बुनियादी ढांचे की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सतत विकास के लक्ष्य भी प्राप्त किए जा सकेंगे।