UTTARAKHAND
Uttarakhand: चारधाम यात्रा मार्ग पर पहली बार होगा ये बड़ा बदलाव, यात्री ध्यान दें — आपके लिए बेहद जरूरी है ये खबर

देहरादून । चारधाम यात्रा 2025 के लिए उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस बार यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर कई बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव पहले कभी नहीं हुए थे और इस बार पहली बार लागू किए जा रहे हैं। अगर आप भी इस साल बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री या यमुनोत्री जाने की योजना बना रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद काम की है।
यात्रा मार्ग का पुनर्गठन — सेक्टर और जोन सिस्टम
- पहली बार चारधाम यात्रा मार्ग को 15 सुपर ज़ोन, 41 ज़ोन और 137 सेक्टरों में बांटा गया है।
- हर सेक्टर लगभग 10 किमी क्षेत्र को कवर करेगा।
- हर सेक्टर में पुलिसकर्मी 24 घंटे निगरानी करेंगे।
- इसका उद्देश्य है – यात्रा मार्ग पर भीड़ नियंत्रण, सुरक्षा और आपात स्थिति में त्वरित सहायता।
पुलिस बल की बड़ी तैनाती
- इस बार यात्रा मार्ग पर 6,000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही है।
- इसमें शामिल हैं:
- 24 डीएसपी
- 66 इंस्पेक्टर
- 366 सब-इंस्पेक्टर
- 615 हेड कांस्टेबल
- 1,222 कांस्टेबल
- 208 महिला कांस्टेबल
- 926 होमगार्ड
- 1,049 प्रांतीय रक्षक दल (PRD)
- PAC की 9 कंपनियां
- SDRF की 26 टीमें
नया कंट्रोल रूम — देहरादून से होगी मॉनिटरिंग
- गढ़वाल रेंज कार्यालय, देहरादून में केंद्रीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।
- ये कंट्रोल रूम 24×7 काम करेगा।
- इसमें सुरक्षा, ट्रैफिक, आपदा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण की निगरानी होगी।
- इसका नेतृत्व अधीक्षक लोकजीत सिंह कर रहे हैं।
पंजीकरण में राहत — OTP की अनिवार्यता खत्म
- अब आधार आधारित ऑफलाइन पंजीकरण में OTP की जरूरत नहीं होगी।
- एक ही व्यक्ति पूरी टीम का पंजीकरण करा सकता है।
- यह बदलाव यात्रियों को लंबी कतारों और तकनीकी दिक्कतों से बचाएगा।
- 28 अप्रैल से हरिद्वार, ऋषिकेश और विकासनगर में पंजीकरण केंद्र शुरू हो जाएंगे:
- हरिद्वार: 20 काउंटर
- ऋषिकेश: 30 काउंटर
- विकासनगर: 15 काउंटर
चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां (2025)
- गंगोत्री व यमुनोत्री धाम: 30 अप्रैल 2025
- केदारनाथ धाम: 2 मई 2025
- बदरीनाथ धाम: 4 मई 2025
आपके लिए क्या जरूरी है?
मौसम और स्वास्थ्य संबंधी अपडेट्स पर ध्यान दें।
यात्रा से पहले पंजीकरण अवश्य कराएं (ऑनलाइन या ऑफलाइन)।
यात्रा मार्ग पर लगाए गए सेक्टरों में सुरक्षा बलों का सहयोग लें।
आपात स्थिति में कंट्रोल रूम या नजदीकी पुलिस सहायता केंद्र से संपर्क करें।